कोरोना से ठीक हुए मरीजों को 6 महीने बाद भी मौत का खतरा: शोध में दावा
सेहतराग टीम
इन दिनों चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ एक ही चीज की चर्चा है और वो है कोरोना वायरस महामारी, जो काफी ज्यादा संख्या में लोगों को संक्रमित कर रही है। कहीं अस्पताल की कमी है, तो कहीं ऑक्सीजन की। ऐसे में लोगों के इलाज होने पर भी भारी संकट मंडरा रहा है। हालांकि, कोरोना को मात देकर लोग घर भी आ रहे हैं। लेकिन हाल ही में सामने आए एक अध्ययन ने हर किसी को हैरान कर दिया है और ये शोध कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को लेकर हुआ है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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यह अध्ययन नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया गया। दरअसल, इस अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों में इस वायरस का पता चलने के बाद के छह महीनों में मौत का जोखिम ज्यादा रहता है। इनमें वो लोग भी हो सकते हैं, जिन्हें कोविड-19 हुआ हो। लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती न होना पड़ा हो। वहीं शोधकर्ताओं ने बताया कि आने वाले दिनों में दुनिया की आबादी पर कोरोना बड़ा बोझ बनने वाला है।
आपको बता दे कि इस अध्ययन में लगभग 87 हजार कोरोना मरीज और लगभग 50 लाख अन्य मरीजों को शामिल किया गया, जो इस बीमारी से ठीक हो चुके थे। उन लोगों पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने बताया कि तकरीबन 6 महीने बाद भी कोरोना से ठीक हुए मरीजों को मौत का खतरा रहता है। वहीं इसके साथ अन्य बीमारियां भी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस के शुरुआती संक्रमण से ठीक होने के बाद बीमारी के पहले 30 दिनों के बाद कोरोना से ठीक हुए लोगों में अगले 6 महीनों तक आम आबादी के मुकाबले मौत का जोखिम 60 प्रतिशत तक ज्यादा होता है।
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